Shodashi Secrets

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॥ अथ श्रीत्रिपुरसुन्दरीचक्रराज स्तोत्रं ॥

चक्रेश्या प्रकतेड्यया त्रिपुरया त्रैलोक्य-सम्मोहनं

आस्थायास्त्र-वरोल्लसत्-कर-पयोजाताभिरध्यासितम् ।

यदक्षरैकमात्रेऽपि संसिद्धे स्पर्द्धते नरः ।

पद्मरागनिभां वन्दे देवी त्रिपुरसुन्दरीम् ॥४॥

यह उपरोक्त कथा केवल एक कथा ही नहीं है, जीवन का श्रेष्ठतम सत्य है, क्योंकि जिस व्यक्ति पर षोडशी महात्रिपुर सुन्दरी की कृपा हो जाती है, जो व्यक्ति जीवन में पूर्ण सिद्धि प्राप्त करने में समर्थ हो जाता है, क्योंकि यह शक्ति शिव की शक्ति है, यह शक्ति इच्छा, ज्ञान, क्रिया — तीनों स्वरूपों को पूर्णत: प्रदान करने वाली है।

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वृत्तत्रयं च धरणी सदनत्रयं च श्री चक्रमेत दुदितं पर देवताया: ।।

या देवी हंसरूपा भवभयहरणं साधकानां विधत्ते

॥ अथ श्री त्रिपुरसुन्दरीवेदसारस्तवः ॥

हंसोऽहंमन्त्रराज्ञी हरिहयवरदा हादिमन्त्रार्थरूपा ।

वन्दे तामष्टवर्गोत्थमहासिद्ध्यादिकेश्वरीम् ॥११॥

षोडशी महाविद्या : पढ़िये here त्रिपुरसुंदरी स्तोत्र संस्कृत में – shodashi stotram

It is generally found that wisdom and prosperity never stay jointly. But Sadhana of Tripur Sundari offers both of those and in addition gets rid of disorder together with other ailments. He by no means goes under poverty and turns into fearless (Shodashi Mahavidya). He enjoys the many worldly pleasure and will get salvation.

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